दुःखद घड़ी,(नश्वर है शरीर, नश्वर है ये काया, ए विधि के रचियता, तुमने ये दिन भी दिखाया, पंचतत्व में वो सरल शरीर विलीन होक, हमने अपने सुदंर सरल नेता को खोके, उनके जाने का बहुत गम हुआ,ये जनमानस भीगी आँखों से पूर्णतः नम हुआ, सोचा न था विश्व पटल पर एक उनका ऐसा काम होगा, स्वर्णिम सुनहरे अक्षरों में सुषमा स्वराज वो सुंदर नाम होगा😥😥😥😥😥😥😥 पंचतत्व में वो विलीन हो गई, miss you mem😥😥😥