वो रातै वो रातै वो शामे वो केसे कट्टी । अकेले केसे कट्टी।। उसीके खयालो मे राते कट्टी उसीके ही बारे मे बाते हुई उसकी ही आंखो मे डूबा रहा उसकी ही बालों मे उलझा रहा उसके गालो को छुआ सवेरा हूआ ये तनहा राते ये शामे ये ऐसे कट्टी उसके ही हाथों को पकडा रहा उसके ही बाहों सोया रहा गले से लगाकर खाया रहा उसकी खयालो मे राते कट्टी उसकी के ही बारेमे बाते हुई ।। ये राते ये शामे ये ऐसे कट्टी ।।।।।। --'KRissWrites wo-rate वो रातै वो रातै वो शामे वो केसे कट्टी । अकेले केसे कट्टी।।