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आईना है बचपन ,,, ईश्वर की सुरत का चाहे आप देखे उस

 आईना है बचपन ,,, ईश्वर की सुरत का
चाहे आप देखे उस में,,,भले ही राम रहीम मौला,,,,,,,,
,,,,,देखो कलयुग है ,,,,,आज का युग
लेकिन,
 दिख जाता है उस में भी कही- कही सतयुग,,,,,
कलयुग इतना बुरा भी नही है
तो ,,,,,
सतयुग इतना अच्छा भी नही है
 आईना है बचपन ,,, ईश्वर की सुरत का
चाहे आप देखे उस में,,,भले ही राम रहीम मौला,,,,,,,,
,,,,,देखो कलयुग है ,,,,,आज का युग
लेकिन,
 दिख जाता है उस में भी कही- कही सतयुग,,,,,
कलयुग इतना बुरा भी नही है
तो ,,,,,
सतयुग इतना अच्छा भी नही है