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धोखों के बहुत थपेड़े झेले, बेरहम वक़्त की मार पड़ी है

धोखों के बहुत थपेड़े झेले,
बेरहम वक़्त की मार पड़ी है ।
न टूटा फिर भी ये दिल मेरा,
बस ज़रा एक दरार पड़ी है । दरार
धोखों के बहुत थपेड़े झेले,
बेरहम वक़्त की मार पड़ी है ।
न टूटा फिर भी ये दिल मेरा,
बस ज़रा एक दरार पड़ी है । दरार