रावण हूं में अपने झूठे स्वाभिमान का सम्मान सतयुग से करते आ रहे हैं औरतों की इज्जत उतारने वाले आज मेरे पुतले चला रहे हैं पुतले जलाने से क्या होगा हर तरफ राख दुआ होगा अपने गिरेबान में झांक के देख जरा एक अहंकारी रावण तुझसे लाख गुना अच्छा होगा By Abhishek soni Ram nhi me Ravan hu