चूमती सूरज की किरणें तुमको, रोशनी ये तुमसे ही तो पाती है, अंधेरों में था मैं और मेरा मन, खुशियाँ ये तुमसे ही तो आती है! लाल होठों पर मंद मुस्कान, धीमे से मेरा नाम गुनगुनाती है, चाहे तुम कुछ कहो या ना कहो, बिन बोले ही मुझसे बतियाती है! काजल से भरे नैन तुम्हारे, सात रंगो से भरके इतराती है, तिरछी नजरे चुपके से ये, मुझको देख शर्माती है! #nileshgendare #poetry