//हुस्न की जादूगरी// ********************** अपने हुस्न की जादूगरी से क्या कमाल करती हो। अपने ही आशिक़ों का क्यूँ हाल बेहाल करती हो। दीवाने तुम्हारे आज भी, तुम्हारे दीदार के प्यासे हैं। क्यूँ तड़पाती हो उनको और यूँ बबाल करती हो। अपने चेहरे के नूर से, आकर्षित करती हो सबको। क्यूँ रह रहकर अपने हुस्न से ये सवाल करती हो। बड़ी ही शिद्दत से सब इंतज़ार करते हैं तुम्हारा। क्यूँ सबके जज्बात छेड़ने का तुम मज़ाल करती हो। दीवाने तेरे सारे तुझमें, मर मिटने को तैयार है। अपनी नज़रों के तीर से सबको क्यूँ हलाल करती हो। मुझे किसी की चाहत नहीं, बस तुम्हारा साथ चाहिए। वादा करो कि जल्दी तुम ये रिश्ता बहाल करती हो। हुस्न की जादूगरी (#kkहुस्नकीजादूगरी) 06 मई 2021 ********************************** Pic Credit :- Pinterest अपने हुस्न की जादूगरी से क्या कमाल करती हो। अपने ही आशिक़ों का क्यूँ हाल बेहाल करती हो।