मेरी दुआ ज़रा उन दुवाओ का,हिसाब दफ़अतन कर दे काफ़िर के सिर से, जुदा वो कफ़न कर दे बरस मेरे नुर ए खुदा, के हस पड़े कू-ए-यार सुखा पड़ा है वहां!बारिश का मौसम कर दे! ©Dr. Ankit waghela #कू-ए-यार – beleoved’s street #दफ़अतन – all at once #PoetInYou