जो सर कभी खुदा की इबादत में न झुका, क्यो अकसर वो तेरे सामने झुक जाता है। क्यो तेरी एक मुस्कुराहट के खातिर ये सख्स हर रोज अपनी ख्वाहिशे मिटाता है।। ©The Mysterious Poet जो सर कभी खुदा की इबादत में न झुका, क्यो अकसर वो तेरे सामने झुक जाता है। क्यो तेरी एक मुस्कुराहट के खातिर ये सख्स हर रोज अपनी ख्वाहिशे मिटाता है।। #poeticdiary #ektaarya #themysteriouspoet #love #myquote #ibadat #muskurahat #khwahish #Rose कवि राहुल पाल