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भोजपुरी के सिद्धस्त नाट्यकार भिखारी ठाकुर के साथी

भोजपुरी के सिद्धस्त नाट्यकार भिखारी ठाकुर के साथी हैं ये बाबा राम चन्द्र मांझी लौंडा नाच की विधा में बचपन से अब 96 वर्ष तक अर्पित कर चुके। 
कला को अपना जीवन अपनी साँसे देकर जीवित रखने वाले ये साधर दिखते जोगी हैं। जिनका जोग लगा है कला के नृत्य नाट्य विधा से । पद्म पुरस्कार धन्य हुआ आप को पा कर ।

©BK Mishra बिहार की माटी से एक मांझी थे दशरथ मांझी सब जानते हैं ना वो फिलम भी आया रहा जबतक तोड़ेंगे नही तब तक छोडेंगे नही । वही जुनून वही समर्पण वही जिद्दीपन एक नए रूप में श्री राम चन्द्र मांझी के रूप में मानव के उस अनंत शक्ति का आभाष कराती है। राम चन्द्र जी नृत्य की एक विशेष विधा के लिए अपना जीवन का हर सांस आहूत कर चुके हैं। वो विधा है लौंडा नाच । इसमें पुरूष स्त्री बन कर नृत्य नाट्य प्रस्तुत करता है। यह बहोत चर्चित विधा भले न हो बॉलीवुड बालों की तरह यहाँ ग्लैमर भले न हो पर कला साधक को इस बात की फिक्र कब स
भोजपुरी के सिद्धस्त नाट्यकार भिखारी ठाकुर के साथी हैं ये बाबा राम चन्द्र मांझी लौंडा नाच की विधा में बचपन से अब 96 वर्ष तक अर्पित कर चुके। 
कला को अपना जीवन अपनी साँसे देकर जीवित रखने वाले ये साधर दिखते जोगी हैं। जिनका जोग लगा है कला के नृत्य नाट्य विधा से । पद्म पुरस्कार धन्य हुआ आप को पा कर ।

©BK Mishra बिहार की माटी से एक मांझी थे दशरथ मांझी सब जानते हैं ना वो फिलम भी आया रहा जबतक तोड़ेंगे नही तब तक छोडेंगे नही । वही जुनून वही समर्पण वही जिद्दीपन एक नए रूप में श्री राम चन्द्र मांझी के रूप में मानव के उस अनंत शक्ति का आभाष कराती है। राम चन्द्र जी नृत्य की एक विशेष विधा के लिए अपना जीवन का हर सांस आहूत कर चुके हैं। वो विधा है लौंडा नाच । इसमें पुरूष स्त्री बन कर नृत्य नाट्य प्रस्तुत करता है। यह बहोत चर्चित विधा भले न हो बॉलीवुड बालों की तरह यहाँ ग्लैमर भले न हो पर कला साधक को इस बात की फिक्र कब स
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Nadbrahm

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