वो ख़्वाबो की रानी थी, मैं नींदों का रखवाला था। वो कभी किसी महफ़िल में जाती, तो कभी किसी मेले में जाकर खिलौने खरीदती। ये समझना मुश्किल था, कि ये उसकी जवानी थी या उसका बचपना था। वो मुझे समझाये या ना समझाये, लेकिन मैं सब कुछ मालूम करने वाला था। वो ख़्वाबो की रानी थी, मैं नींदों का रखवाला था। एक बार वो मुझसे रूठ गई,फिर मेरे करीब आकर बैठ गई फिर कर दिया इशारा आँखों ही आँखों में था, मेरा एक हाथ मेरे हाथों के शिकंजों में और दूसरा हाथ उसके रेशमी बालो में था। वो मुंहे इज़हार-ऐ-इश्क करे या ना करे, लेकिन टूट गया मेरा ख़्वाब था, जब मैं उसे इज़हार-ऐ-इश्क करने वाला था, उसके लब-ऐ-शबनम को बस चखने वाला था। वो ख़्वाबो की रानी थी, मैं नींदों का रखवाला था। #NojotoQuote वो ख़्वाबो की रानी थी, मैं नींदों का रखवाला था।end #nojoto #nojotohindi #khwab