तुम मुझे भूल जाने की कोशिश जारी रक्खो, मैं भी तुम्हें याद न आने की तरकीबें सोच रहा हूँ। अपने ही हाथों अपना मुकद्दर नोच डाला, कहाँ गयीं वो हाथों की लकीरें सोच रहा हूँ। तौक़-ए-उल्फ़त से तुम्हारी रिहा कब होना चाहा, सोते जागते मोहब्बत की ज़ंजीरें सोच रहा हूँ। तुम मुझे भूल जाने की कोशिश जारी रक्खो.. ~hilal . ©~Hilal. Follow Me for best shayri of your life #CloudyNight #Koshish #Ulfat #Tauk #Bhool #Yaad