टूटी हुई उम्मीदों पे पलने लगा हूँ गुज़रे कुछ रोज़ से मैं डरने लगा हूँ । खोया है जिस दिन से मैंने तुझको उस दिन से हर रोज़ थोड़ा मरने लगा हूँ । हर ज़ुल्म से लड़ने की थी ताकत मुझमे अब थक कर हर दर्द मैं सहने लगा हूँ । ज़ुबान होकर भी बेज़ुबान बना रहता हूँ जो अब हर बात कलम से कहने लगा हूँ ।। "मैं कलम से हर बात कहने लगा हूँ" #yqbaba #yqdidi #yqurdu #yqkalam #wordship