टेढ़े मेढ़े रास्तो पर सोंधी मिट्टी, नदी तालाब,कुंओ पर खेत,खलिहान में लहलहाते पेड़ उसके पत्ते करते है बाते आपस में आते है काम हम मानव के, निर्लिप्त है मनुष्य दोहन में सुख़ भौतिक भोग में नही परवाह प्रकृति की न ही उसे भविष्य की एकत्र कर रहा कार्बन छा रहा धुंध कार्बन का हम ही फैला रहे कार्बन धरा पर फैक्ट्री,कारखानों भौतिकता में लिप्त हरी-भरी धरा को काला करने में तुले नही बचेगी ऑक्सीजन कार्बन ही कार्बन का भविष्य और बचेगी ये धरा मोल में मिलेंगी ऑक्सीजन,फिर सब रह जायेगा धरा पे धरा का धरा!! -आकिब जावेद #NojotoQuote टेढ़े मेढ़े रास्तो पर सोंधी मिट्टी, नदी तालाब,कुंओ पर खेत,खलिहान में लहलहाते पेड़ उसके पत्ते करते है बाते आपस में