बोलो न ? क्या सच में मुझे भुला दोगे? या फिर गिरहों में दबा दोगे? बहने दोगे दर्द ये दिल का... या मय की राह में फ़ना होगे? किसी रोज़ जो गुज़रूं यादों से मैं... क्या फ़िर से तुम मुस्का दोगे? या कसक की मीठी साज़िश में, तुम नज़्म कोई दफ़ना दोगे? मैं हर्फ़ हर्फ़ गर ज़हन में उतरूं... क्या फिर भी तलब मिटा दोगे? जो इश्क़ बहा था बाहों में... अब सूनापन वो घटा लोगे? क्या सच में मुझे भुला दोगे? तुम सच में मुझे भुला दोगे? मासूम दिल का मासूम सा सवाल है। क्या सच में मुझे भुला दोगे? #भुलादोगे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi