इंसान कितना स्वार्थी हैं जब से ये इस धरती मे जन्मा हैं तब से अपने अत्याचारो से पशुओ, पक्षियों, एवं अन्य जीवों को मार काट रहा हैं, शहद बनाने के लिए मधुमखी कितना मेहनत करती है अपने छत्ते से दूर जा जा कर फूलो से पराग निकाल शहद बनाती है कि जब फूलों का मौसम चला जाऐ तब आराम से उसे खा सके पर ये इंसान इन से सारा शहद छीन लेते है इनके घर तोड़ देते है,गाय, भैस, बकरी, मुर्गी, सूअर, ऊट, मछली पाल कर इनसे दूध, मांस, अंडो का व्यापार करता है, गाय, भैस का दूध छीन उनके बच्चों को कसाई खाने भेजता है, ये इंसान नहीं वहशी है वैसे तो हर दिन दुनियां मे पाप हो रहे है जगह जगह दुश्मनी,पैसो की खातिर मर्डर,किडनैपिंग, rape, चोरी डकैती आम बात है आतंकवादी घटनाएँ, बम विस्पोट, पडोसी देश से घुसपेठियो द्वारा हमारे कई जवान शदीद हो रहे है, क्या कोरोना एक संकेत है मानव जाति के संहार का???? क्या पाप का घड़ा भर चूका है अब विनाश काल आ गया है मानव जाति का, अभी भी वक्त है संभल जाओ मानव नहीं तो महा विनाश निकट है, मत करो और पाप!!!! ©POOJA UDESHI #vinash #corona