फिर तेरी याद आई,पर तुम ना आई, मौसम में बहारें लौट आई,पर तुम ना आई। बीते लम्हों की उन झुरमुट से,एक झलक पाने की वो आस, सूखे होंटों पे तेरी चाहत भारी प्यास, अधखिली कलियां भी मंद मंद मुस्काई,पर तुम ना आई। फिर तेरी याद.... जिंदगी के उतार चढ़ाव में, आई ऐसी एक लहेर,जैसे रेत पर लिखा, मिटा दिया हो समंदर, हर बात तो मुझे है याद,सच बता क्या तुझे मेरी याद भी ना आयी। फिर तेरी याद..... फिर तेरी याद आई.....