काश!! चलो तुम्हे ले चलूँ ख्यालो के इक घेरे मे पँखो की इक दुनिया मे जादू भरे सवेरो मे बान्ध ना कोई दीवार का तसव्वुर हो बादलो की गोद मे परियो के बसेरो मे ।। जी चाहे "काश "को अपना आज बना लूँ जी चाहे लब को आस्माँ से मिला लूँ छिटकती चान्दनी मेरे आशियाँ की झालर बने चान्द को कन्दीलो के साये मे जला लुँ ।। जादू की छडी़ हो कोई चमचमाती सी हाथ मे ताजपोश चलू इतरा के परी की पोशाक में शर्मायी आँखे झुकी पलके सुर्ख गाल कोई घुट्नो के बल बैठ पहनाए घडी़ मेरे हाथ मे ।। अब्र की गोदी मे तकिया हो मेरा चान्द हो कोई कहानी की किताब गोदी मे सर हो पानी मे पाँव की छपाक छु कर कर दू मैं दिन को रात ।। बाली मे तारो को जड दू अपनी चुनर सितारो से भर दूँ अपनी इधर उधर हर और का फ़ेरा लाऊँ बन बन कोई परी खूब पंख फ़ैलाउ ।। मेरी घड़ी मेरी ख्वाहिश पे दौड़े शज़र मेरे सँगीत पे झूम जाये हाथो की चुटकी से जादू निकले इक पल मे सारी जमी घूम जाये ।। ज़िन्दगी भी क्या हसीं होती गर मैं भी एक परी होती ।। हो जाता ये "काश "भी राख गर मैं भी तुमसी बड़ी होती ।। -हकिकत 🥀 ©Haquikat just an imagination... #girlythoughts #experience