प्यार मेहमान की तरह आया था दरवाज़े पर और क़त्ल कर ले गया दिल जनाज़े पर उस शहर में खुदा भी हुआ है कर्ज़दार कोई जाता है मज़ार, मौत के तकाज़े पर इधर नब्ज़ टटोलता रहा हकीम किसी की भीतर छिपे थे ज़ख्म तो ताजे पर इधर मोहब्बत ने लूट लिया सरेआम शख़स को और नाच - गाने होते रहे, उधर बाजे पर जो मुफलिसी में लिखता हो दर्द ए ज़िगर भला उसे शायर बुलाकर भी कौन नवाजे पर? प्यार मेहमान की तरह आया... #प्यारमेहमान #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #भुवनेश #yqquotes #love #shayari