मुझे गीत गाना है कविता के जरिए मै खुद को भुलाऐ बैठा हूँ किसी धुन मे समाऐ बैठा हूँ जुगनु मेरे साथ टिमटिमा रहे है मै आज अंधेरे को डराऐ बैठा हूँ चल पड़ा हूँ कंकडो पर मै किसी लहर कि तंरग सा मै नभ को छुने कि तमन्ना मे भरा उल्लास भरी बरसात मे लो बजउठा शंखनाद श्री करीए मंजिल का मजा मद-मन भरीए सुरछोड़ अब उस तान से तरीए लो गीत गाना है कविता के जरिए #NojotoQuote मुझे गीत गाना है कविता के जरिए.....