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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 🎊*“3/11/2021”*📝 🪔*“बुधवार”*

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
🎊*“3/11/2021”*📝
🪔*“बुधवार”*✨ 

कई बार हम ये “सोच” बैठते है... 
“जीवन” जीये तो जीए कैसे ? 
“जीवन जीयो” तो उस “दीए” के भांति जो अपनी लो से “असंख्य दीयों” को “प्रकाश” देता हैं,
जो भुझते भुझते भी “अंधकार” से लड़ता हैं
 इसलिए जहां भी “दीए” को रखा जाता हैं 
उस “स्थान” को पुजा जाता हैं,
उसे “पवित्र” माना जाता हैं...
नर्क चतुर्दशी...
एक “नरकासुर” नाम का “राक्षस” था,
जिसने अपनी “शक्ति” का “गलत दुरुपयोग” करके “16 हजार स्त्रियों” को “बंदी” बना लिया था,
 वहीं “नरकासुर” के वध की “खुशी” में 
लोगों ने अपने “घरों” में “दीपक” जलाए, 
इसलिए तभी से “नरक चतुर्दशी” 
अथवा “छोटी दीवाली” मनाया जाने लगा...
*🖋️अतुल शर्मा*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
🎊 *“3/11/2021”*📝
🪔 *“बुधवार”*✨ 

*#“जीवन”* 

*#“दीया”🪔*
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
🎊*“3/11/2021”*📝
🪔*“बुधवार”*✨ 

कई बार हम ये “सोच” बैठते है... 
“जीवन” जीये तो जीए कैसे ? 
“जीवन जीयो” तो उस “दीए” के भांति जो अपनी लो से “असंख्य दीयों” को “प्रकाश” देता हैं,
जो भुझते भुझते भी “अंधकार” से लड़ता हैं
 इसलिए जहां भी “दीए” को रखा जाता हैं 
उस “स्थान” को पुजा जाता हैं,
उसे “पवित्र” माना जाता हैं...
नर्क चतुर्दशी...
एक “नरकासुर” नाम का “राक्षस” था,
जिसने अपनी “शक्ति” का “गलत दुरुपयोग” करके “16 हजार स्त्रियों” को “बंदी” बना लिया था,
 वहीं “नरकासुर” के वध की “खुशी” में 
लोगों ने अपने “घरों” में “दीपक” जलाए, 
इसलिए तभी से “नरक चतुर्दशी” 
अथवा “छोटी दीवाली” मनाया जाने लगा...
*🖋️अतुल शर्मा*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
🎊 *“3/11/2021”*📝
🪔 *“बुधवार”*✨ 

*#“जीवन”* 

*#“दीया”🪔*
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Atul Sharma

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