ये 21वीं सदी है, यहाँ लोग जल्दी भूलने लगते हैं||2|| ना साफ करो समय से,तो रिस्तों पे धूल जमने लगते हैं! और! जहाँ भी रहना, अपनी पहचान बनाके रखना|2| क्योंकि जो काम की चीज़ नहीं रहती उसको लोग बाहर रखने लगते हैं कभी-कभी लगता है 2-4 डांट लगना जरूरी है||2|| क्योंकि प्यार-मुहब्बत में अक्सर नखरे बदलने लगते हैं, एक वक्त था जब शाम होते दीप जलने लगते थे|2| और अब एक वक्त है जब शाम होते दिल जलने लगते हैं| और हमेशा अकेले रहना ये सही नहीं है मैकश अक्सर लोग सिधा-साधा कहकर पागल कहने लगते हैं| #nakhre #pyarishqmohabbat