चंद्रबदनी संघात सा चेहरे का नूर, दिल कि दिल में उनके हुए जाते हैं। वह करते हैं छेड़खानी या प्यार से, फिर थोड़ा सा इतराते हैं। बारिश के मौसम में हमें छेड़ के, छाता पकड़ के दूर भाग जाते हैं, पानी से अठखेलियां, ऐसी हरारत भरी नज़रों से ताक के, वह प्रेम अगन जगाते हैं। चंद्रबदनी संघात सा चेहरे का नूर, दिल कि दिल में उनके हुए जाते हैं। वह करते हैं छेड़खानी या प्यार से, फिर थोड़ा सा इतराते हैं। बारिश के मौसम में हमें छेड़ के, छाता पकड़ के दूर भाग जाते हैं, पानी से अठखेलियां, ऐसी हरारत भरी नज़रों से ताक के, वह प्रेम अगन जगाते हैं। ♥️Collab with GulnaaR : Credit..DR. SANJU TRIPATHI 💐नमस्कार ! साथियों