बदलते मौसमों सा कास आसान होता, पानी शीशे का शायद बहरूप न होता| दवा होकर ज़ख्म की नींद का कोई ख्वाब होता, कास ऐसा ये मेरा चोट खाया दिल दर्द सहने को तैयार होता| #NojotoQuote #shivamprasad #firstone