तेरे दिए निशानों से मुस्कुराहट झलकने लगी.... (read caption) तेरे दिए निशानों से मुस्कुराहट झलकने लगी.... . कमरे की ओर आते तेरे कदमों की आहट बढ़ रही थी, दरवाज़े के पीछे मेरी सांसे चढ़ रही थी, रखा जो कदम कमरे के भीतर तुमने, आंखों को फिर ढका बांध कपड़े से हमने, कुछ हैरान कुछ परेशान हो