लगाव था बस कुछ दिन का तेरे साथ । लगाव थी भी बस देख के मुस्कुराने की। कुछ पुरानी कुछ नयी कहानिया सुनाने की फिर क्यों हूँ मैं आज भी इस झिझक में मैं। अपरचित ही बनके आयी थी तुम। अपरचित ही हो तुम फिर आज भी।। Happy Birthday #sharma_g_ke_kalam_se