उठी नज़रें जब वैदेही पर , सर्वनाश हुआ उस अहमकारी का , अब कौन राम शस्त्र उठाएंगे देख हाल कलियुग की नारी का!!! चीर बढ़ा कर द्रौपदी का बचाई थी उसने लाज़ , कहाँ है कान्हा सुनकर बच्चियों की चीखती आवाज़!!! एक बार मोमबत्त की जगह , रेपिस्ट को जलाकर तो देखो शायद रेप कम हो जायें!!! हर बार बेटियां हीं जलें जरूरी तो नहीं... ©Mansi Singh तुम #दुर्गा हो , तुम ही #काली हो , तुम ही #देवी , तुम ही दुनिया की #जननी हो... कर दो #सहांर ऐसे जानवरों का जिनकी निगाहें घुटन दे रही हो #Rape #selfconfidence #erotica #hatrashrapecase