बारिशें अब कहाँ हमारे आँगन में होती है जिधर देखिए बमबारी गगन में होती है रोज कोई कहीं न कहीं होता है जंगी मुहाज़ पर रोज जंग किसी न किसी वतन में होती है ये बंदूकधारियों को क्या चाहिए होता है क्यों इनकी गोलियां हमारे तन-बदन में होती है ये लाशो के ढेर देखकर कलम हमसे पूछती है ये खून की बारिश भला किस सावन में होती है ये किस माली के हाथों में चमन छोड़ आये हम रोज कोई फूल कोई पत्ती जलकर राख चमन में होती है परिंदों की चहचहाहट में अब घबराहट देखता हूँ क्यों इतनी नफरत इंसानी ज़ेहन में होती है — % & #Ukraine-war #Russain-war #insaniyat #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes Image credit - Google