वीर का सांस्कृतिक इतिहास बताता है कि मानव सभ्यता का विकास धीरे-धीरे वह सभ्यता के विकास की ही फितरत है कि वह धीरे-धीरे ही होता है वैज्ञानिक कहते हैं कि बंदर से आदमी बनने में हजारों वर्ष लगेंगे नहीं की कविता के डाला और फिर डाल कूद रहे थे और आज सफेद कुर्ता पजामा पहन कर सबको नमस्कार करने लगे सभ्यता में विकास करवाने एक दौर ऐसा भी आया होगा जब आदमी को नहीं है पर गर्व महसूस होने लगा क्योंकि तब जंगल में सब नंगे थे कालांतर में मनुष्य शरीर को ढकने का प्रयास किया इसका जो अपने कपड़े उतारने के लिए यह तो इज्जत उतार ले जाते एक पंथ दो काज समझदार आदमी थाने जाकर कपड़े बताएं घर पर ही कर लेता है आदमी की आवश्यकता आविष्कार की जननी कहा कि वजह से कपड़ों का आविष्कार हुआ के अस्तित्व में आए ©Ek villain #थाने में कपड़े उतरवाना #drowning