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बहुत पहले ये जो तुम महल देख रहे हो ना बहुत पहल

बहुत पहले    ये जो तुम महल देख रहे हो ना 
बहुत पहले 
ये खूबसूरत घर हुआ करता था
मगर आज ये जर्जर हो गया है 
जानते हो क्यूँ 
क्योकि अब इसमें कोई रहता नही 
भाई भाई के झगड़े में ये महल बट गया 
ना जाने ये कितने हिस्सो में कट गया 
अब इसकी कोई देखभाल करता नही है 
जानते हो जब कोई किसी 
इंसान की देखभाल नही करता तो 
वो भी इसी तरह तन्हा जर्जर हो जाता है 
मकान और इंसान में ज्यादा अंतर नही है 
दोनो को ही प्यार से सींचना पड़ता है 
तब जाकर कहीं घर घर बनता है

©Dr Manju Juneja #बहुतपहले #महल #खूबसूरत #जर्जर #philosophy  #बट #घर #डायलॉग #nojotopoetry 

#PoetInYou
बहुत पहले    ये जो तुम महल देख रहे हो ना 
बहुत पहले 
ये खूबसूरत घर हुआ करता था
मगर आज ये जर्जर हो गया है 
जानते हो क्यूँ 
क्योकि अब इसमें कोई रहता नही 
भाई भाई के झगड़े में ये महल बट गया 
ना जाने ये कितने हिस्सो में कट गया 
अब इसकी कोई देखभाल करता नही है 
जानते हो जब कोई किसी 
इंसान की देखभाल नही करता तो 
वो भी इसी तरह तन्हा जर्जर हो जाता है 
मकान और इंसान में ज्यादा अंतर नही है 
दोनो को ही प्यार से सींचना पड़ता है 
तब जाकर कहीं घर घर बनता है

©Dr Manju Juneja #बहुतपहले #महल #खूबसूरत #जर्जर #philosophy  #बट #घर #डायलॉग #nojotopoetry 

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