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कविताओं में आशीष से दे रहा जन्मदिवस उपहार , ईश्वर

कविताओं में आशीष से दे रहा जन्मदिवस उपहार ,
ईश्वर से इतनी दुआ तुम्हें मिले सबका स्नेह दुलार !
रहो स्वस्थ व गुणी बनो और अच्छे हों आचार-विचार,
आपके यश से शोभित चारो दिशाएं मधुरम हो संसार !!
🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂
आप हँसती मुस्कुराती सदा खुशहाल रहो
अवतरण दिवस की शुभ मंगल बधाई ।
   निःस्वार्थ ,निष्पक्ष के कदम डिगा न सके ,
     निराशा,असफलता एवं जमाने की बुराई ।।
🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫
     सोचा तुम्हारे जन्मदिन पर और क्या लिखूं ..
    थोड़ी बाते थोड़ा आशीष थोड़ा हास्य लिख दूँ 
 🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁
🤓तो कैप्शन पढ़िए 🙏

©कवि राहुल पाल Happy birthday  Ruchi Rathore 😊


मित्रवर हम बताना चाहेंगे कि रुचि राठौर का नाम रुचि राठौर ही क्यो पड़ा 😂😂
आप लोग सोच रहे होंगे अबे क्या फेक रहा 🙄🙄🙄 हाँ तो हम फेक रहे आप लपक लो 🤣🤣 दरसल यह बहुत पुरानी बात है मुझे सन,संवत याद नही मगर तारीख रहे 20 जुलाई औने -पौने समय रहा होगा तभी धरतीलोक पर एक अद्भुत कन्या का जन्म हुआ ..मैं उस समय का वर्णन नही कर सकता क्योंकि ऐसा कुछ उस समय था नही 😂😂जैसे देवता फूल बरसा रहे हो या शंखनाद या भीषण वर्षा हो रही हो परन्तु हर तरफ़ शांति का वातावरण छाया था और किलकारियों की गूंज चारो दिशाओं में नाद कर रही थी 😊 सब जीव जंतु प्रसन्नता से "न जाने कहा से आई है " गाने पर डिस्को डांस कर रहे थे ..तो वही कुछ दूर गड़ही में दादुर बोल रहे थे ..कन्या के पिता महाराज ने आदेश दिया कि महाज्ञानी प्रखर बुद्धि वाले पंडित को बुलाया जाए ..((आपको बताते चले उस समय उतना बुद्धिमान पंडित मैं ही था ये मेरा दूसरा जन्म है 😂😂..))) कुछ समय बाद पंडित जी पधारे और महाराज ने कहा इस कन्या का कोई उचित नाम रखिये ..
पंडित जी ने 6.5 इंच डिस्प्ले वाला मोबाइल खोला और नोजोटो कि बगिया में बतियाने लगे 😂😂🤣🤣 तो महाराज में ने जजमान नाम बताइये वरना गर्दन फिनिश ..पंडित जी घबरा गए और बोले बड़ी तेजस्वनी बालिका है नाम भी इसके अनुसार ही होना चाहिए..🙄🙄😜 मैं भी क्या बोर कर रहा न 😕 आगे पढो तो 😠  बालिका को तरह तरह की बस्तु दिखायी पकड़ाई गई पर किसी वस्तु को हाथ तक न लगाया ..तभी पंडित जी का फोन बजा और बालिका उस फोन के लिए रोने लगी तो पंडित जी ने कहा इसने मोबाइल में रुचि दिखाई इसलिए रुचि नाम रख दीजिए 😬😬😬महाराजा ने कहा नही ..तब पंडित जी ने शिक्षण के 11 सिद्धांत में से 1 सिद्धांत रुचि का सिद्धान्त दिखाया तो महाराज ख़ुशी से पंडित को 1 थप्पड़ रसीद कर दिए 😳😜😜 तब पंडित जी ने आगे का नाम जल्दी में देखी फ़िल्म राउडी राठौर से राठौर नाम दे 😳😳😬 और थप्पड़ खा कर घर चले गए ..तो मित्रवर इस तरफ नाम पड़ा """रुचि राठौर "" आज पँडित जी अर्थात हम यह जींवन कल्याणकारी कथा लिख रहै है 😜😜😜🤣🤣 
 रुचि बस इतना ही कहना ही कि
कविताओं में आशीष से दे रहा जन्मदिवस उपहार ,
ईश्वर से इतनी दुआ तुम्हें मिले सबका स्नेह दुलार !
रहो स्वस्थ व गुणी बनो और अच्छे हों आचार-विचार,
आपके यश से शोभित चारो दिशाएं मधुरम हो संसार !!
🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂
आप हँसती मुस्कुराती सदा खुशहाल रहो
अवतरण दिवस की शुभ मंगल बधाई ।
   निःस्वार्थ ,निष्पक्ष के कदम डिगा न सके ,
     निराशा,असफलता एवं जमाने की बुराई ।।
🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫
     सोचा तुम्हारे जन्मदिन पर और क्या लिखूं ..
    थोड़ी बाते थोड़ा आशीष थोड़ा हास्य लिख दूँ 
 🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁🎁
🤓तो कैप्शन पढ़िए 🙏

©कवि राहुल पाल Happy birthday  Ruchi Rathore 😊


मित्रवर हम बताना चाहेंगे कि रुचि राठौर का नाम रुचि राठौर ही क्यो पड़ा 😂😂
आप लोग सोच रहे होंगे अबे क्या फेक रहा 🙄🙄🙄 हाँ तो हम फेक रहे आप लपक लो 🤣🤣 दरसल यह बहुत पुरानी बात है मुझे सन,संवत याद नही मगर तारीख रहे 20 जुलाई औने -पौने समय रहा होगा तभी धरतीलोक पर एक अद्भुत कन्या का जन्म हुआ ..मैं उस समय का वर्णन नही कर सकता क्योंकि ऐसा कुछ उस समय था नही 😂😂जैसे देवता फूल बरसा रहे हो या शंखनाद या भीषण वर्षा हो रही हो परन्तु हर तरफ़ शांति का वातावरण छाया था और किलकारियों की गूंज चारो दिशाओं में नाद कर रही थी 😊 सब जीव जंतु प्रसन्नता से "न जाने कहा से आई है " गाने पर डिस्को डांस कर रहे थे ..तो वही कुछ दूर गड़ही में दादुर बोल रहे थे ..कन्या के पिता महाराज ने आदेश दिया कि महाज्ञानी प्रखर बुद्धि वाले पंडित को बुलाया जाए ..((आपको बताते चले उस समय उतना बुद्धिमान पंडित मैं ही था ये मेरा दूसरा जन्म है 😂😂..))) कुछ समय बाद पंडित जी पधारे और महाराज ने कहा इस कन्या का कोई उचित नाम रखिये ..
पंडित जी ने 6.5 इंच डिस्प्ले वाला मोबाइल खोला और नोजोटो कि बगिया में बतियाने लगे 😂😂🤣🤣 तो महाराज में ने जजमान नाम बताइये वरना गर्दन फिनिश ..पंडित जी घबरा गए और बोले बड़ी तेजस्वनी बालिका है नाम भी इसके अनुसार ही होना चाहिए..🙄🙄😜 मैं भी क्या बोर कर रहा न 😕 आगे पढो तो 😠  बालिका को तरह तरह की बस्तु दिखायी पकड़ाई गई पर किसी वस्तु को हाथ तक न लगाया ..तभी पंडित जी का फोन बजा और बालिका उस फोन के लिए रोने लगी तो पंडित जी ने कहा इसने मोबाइल में रुचि दिखाई इसलिए रुचि नाम रख दीजिए 😬😬😬महाराजा ने कहा नही ..तब पंडित जी ने शिक्षण के 11 सिद्धांत में से 1 सिद्धांत रुचि का सिद्धान्त दिखाया तो महाराज ख़ुशी से पंडित को 1 थप्पड़ रसीद कर दिए 😳😜😜 तब पंडित जी ने आगे का नाम जल्दी में देखी फ़िल्म राउडी राठौर से राठौर नाम दे 😳😳😬 और थप्पड़ खा कर घर चले गए ..तो मित्रवर इस तरफ नाम पड़ा """रुचि राठौर "" आज पँडित जी अर्थात हम यह जींवन कल्याणकारी कथा लिख रहै है 😜😜😜🤣🤣 
 रुचि बस इतना ही कहना ही कि