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कहने को तो सब ईश्वर की हैं संताने तो क्यूं मन में

कहने को तो सब ईश्वर की हैं संताने
तो क्यूं मन में एक दूसरे के प्रति कड़वाई है

लगा  बढ़ने में पीछे वाला आगे वाले को गिराकर
खुदा भी सोच रहा अजीब दुनिया मैंने बनाई है।

सब चीजें प्रकृति की खाने को कम लगने लगी ,गाय के नाम पर एक दूसरे को मार काट रहे
पशुओं से नीच तो आज की दुनिया में दिख रहे मनुष्य 
ख़ुदा देख रहा उपर से है ये किस बात की लड़ाई है,
ये क्या दुनिया मैंने बनाई है।
_pratibha 's writting ✍✍ #nojoto
#nojoto हिंदी
#poem
#hye akhir kid bat ki ladai hai??
कहने को तो सब ईश्वर की हैं संताने
तो क्यूं मन में एक दूसरे के प्रति कड़वाई है

लगा  बढ़ने में पीछे वाला आगे वाले को गिराकर
खुदा भी सोच रहा अजीब दुनिया मैंने बनाई है।

सब चीजें प्रकृति की खाने को कम लगने लगी ,गाय के नाम पर एक दूसरे को मार काट रहे
पशुओं से नीच तो आज की दुनिया में दिख रहे मनुष्य 
ख़ुदा देख रहा उपर से है ये किस बात की लड़ाई है,
ये क्या दुनिया मैंने बनाई है।
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