कितना अच्छा होता ना! मज़दूर दूसरे राज्यों में फँसें ना होते। अपने घर में अपनों के संग होते। उनके घर में अन्न और राशन होते। कितना अच्छा होता ना! कोरोना वैश्विक महामारी ना होता। बल्कि वैश्विक अवकाश होता। सब अपने घरों में होते। अपनों संग छुट्टियाँ बिताते। कितना अच्छा होता ना! पक्षी स्वछन्द स्वच्छ गगन में उड़ते। पशु सुंदर निर्मल धरा पर विचरते। मनुष्य अपने घरों में होते। अपनों के संग होते।। अच्छा होता... #अच्छाहोता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqhindi #coronapandemic #yqbaba #writingresolution 29/366