White फिर बारिशों का मौसम है फिर किसी की याद सतानी है फिर गजलों की बारिश होनी है फिर उस बेवफा की बात आनी है दिनों का क्या है ढलते हैं ढल जायेंगे हमको फिक्र है दिन के बाद जो रात आनी है हम लहू की तरह बहाते हैं अश्क आंखों से जमाना समझता है जैसे कोई झरने का पानी है हम समझते हैं इश्क तमाम उम्र की जानी चाहिए तमाम उम्र जैसे चल रही जवानी है ©Bebaak Shayar Bhupal #Sad_Status बेवफा इश्क #बेवफा #इश्क #बेबाक शायर भूपाल