दे मंशा को मार , तू यूँ बैठ ना ऐ मुसाफिर। रख हौसला ,तू रख हिम्मत।। बस अपने सुख का त्याग कर दे । बस एक बार इस राह को तू अपने दम पर पार कर दे ।। ये रह है बड़ी कठिन , ये राह है बहुत लंबी । तू जान बस ये बात की। मंजिल ना मिली उनको कभी ।। जो बैठे एक बार थक के। अपनी मंशा को मार करके ।। अपनी सोच पर कर फतह। यूँ अपनी जीत न गँवा मुसाफिर ।। दे दृढ़ संकल्प का उदाहरण । तू ये आखरी प्रचार कर दे।। बस एक बार इस राह को तू । तू अपने दम पर पार कर दे ।। #sharma_g_ke_kalam_se