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माना सात समंदर पार कहीं दूर है ठिकाना तुम्हारा, बे

माना सात समंदर पार
कहीं दूर है ठिकाना तुम्हारा,
बेवजह मीलों का फासला तै करके
नामुमकिन है वापस आना तुम्हारा,

वो यादों पे पड़ी सलवटें, 
वो निगाहों में तेरे झरोखे,
वो सांसों में घुली तेरी खुशबू,

आज भी तेरे दीदार के लिए बेकरार हैं,
इक मुलाकात अधूरी सी रह गई जो,
शाम ए तन्हाई को रोशन करने 

इक बार ज़रूर आ जाना। #eveningmood
#myownmusings
#meraki
माना सात समंदर पार
कहीं दूर है ठिकाना तुम्हारा,
बेवजह मीलों का फासला तै करके
नामुमकिन है वापस आना तुम्हारा,

वो यादों पे पड़ी सलवटें, 
वो निगाहों में तेरे झरोखे,
वो सांसों में घुली तेरी खुशबू,

आज भी तेरे दीदार के लिए बेकरार हैं,
इक मुलाकात अधूरी सी रह गई जो,
शाम ए तन्हाई को रोशन करने 

इक बार ज़रूर आ जाना। #eveningmood
#myownmusings
#meraki