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वो हमसफ़र था मगर उससे हमनवाई ना थी के धूप छाँव का


वो हमसफ़र था मगर उससे हमनवाई ना थी
के धूप छाँव का आलम रहा जुदाई ना थी
अदावतें  थीं  दगाफुल था रंजिशें थी मगर
बिछड़ने वाले में सब कुछ था बेवफाई ना थी

बिछड़ते वक़्त उन आंखों मे थी हमारी गज़ल
गज़ल भी वो जो किसीको. कभी सुनाई ना थी
के धूप छाँव का आलम रहा जुदाई ना थी
वो हमसफर था▪▪▪▪▪▪▪

#QuratulainBaloch #Ghazal

वो हमसफ़र था मगर उससे हमनवाई ना थी
के धूप छाँव का आलम रहा जुदाई ना थी
अदावतें  थीं  दगाफुल था रंजिशें थी मगर
बिछड़ने वाले में सब कुछ था बेवफाई ना थी

बिछड़ते वक़्त उन आंखों मे थी हमारी गज़ल
गज़ल भी वो जो किसीको. कभी सुनाई ना थी
के धूप छाँव का आलम रहा जुदाई ना थी
वो हमसफर था▪▪▪▪▪▪▪

#QuratulainBaloch #Ghazal
vaanishiva5792

Vaani_Shiva

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