Nojoto: Largest Storytelling Platform

कवि : एक कविता बचाई झांग से, एक कविता दे दी आजादी

कवि :
एक कविता बचाई झांग से, 
एक कविता दे दी आजादी। 

लेकिन 
खुद पे गुस्सा आता है, 
कुछ कर ना पाया यह बलात्कारीयों का
इनका दिमाग क्या मन भी बदल न पाया, 
मेरे गलती के सजा वो छोटी लड़की ली।। 

खुद पे शर्म करो यार,
खुद भी मारे और दुनिया को भी मार डाले, 
शर्म करो। शर्म करो।
शर्माने का क्या बाकी? खुद जो मरे हुए हो।।

©Vishnuprasad Kuntar #hathras.. 
#firsthindipoem
#firsttry 

#LostTracks
कवि :
एक कविता बचाई झांग से, 
एक कविता दे दी आजादी। 

लेकिन 
खुद पे गुस्सा आता है, 
कुछ कर ना पाया यह बलात्कारीयों का
इनका दिमाग क्या मन भी बदल न पाया, 
मेरे गलती के सजा वो छोटी लड़की ली।। 

खुद पे शर्म करो यार,
खुद भी मारे और दुनिया को भी मार डाले, 
शर्म करो। शर्म करो।
शर्माने का क्या बाकी? खुद जो मरे हुए हो।।

©Vishnuprasad Kuntar #hathras.. 
#firsthindipoem
#firsttry 

#LostTracks