क़माल है मज़हब, क़माल की ये भीड़ शक्ति ज़हर घोलती रही, और हम ग़ज़ल पर ग़ार बनते गए मज़हब- धर्म शक्ति- सत्ता ग़ज़ल- (कविता रूपी प्रेम) ग़ार- राष्ट्रविरोधी 🕉️+☪️+☬+✝️=मानव सभ्यता का निर्माण💕💕 #yqbaba #yqdidi #yqdivya #yqquotes #yqbabaquotes #yqhindiwriters #yqdivya_phycology #yqbabachallenge