ग़ज़ल तस्वीर तेरी देखकर मचलने लगे दीवाने हैं, कुदरत ने तरासा है तेरी सूरत हंसीं खजाने हैं। नजरें तो मिलाओ पलकें ना गिराओ, इश्क़ की हजारों आंखों में सजी आशियाने हैं। धड़कता है दिल मेरा अब देखूं तुझे मैं जब, चाहत का हंसीं मंजर उल्फत का नजराने हैं। आओ गले लगालो अपना हमें बनालो, हर धुन में तेरा ही नगमा मेरे लब पे तेरे तराने हैं। मेरे महबूब मेरे हमदम बिन तेरे जियें कैसे हम, होती है शुरू मुहब्बत का तुमसे ही अफ़साने हैं। तस्वीर तेरी देखकर मचलने लगे दीवाने हैं, कुदरत ने तरासा है तेरी सूरत हंसीं खजाने हैं। @ रिजवान