Nojoto: Largest Storytelling Platform

मन ऐसा रखो कि किसी को बुरा न लगे । दिल ऐसा रखो कि

मन ऐसा रखो कि किसी को बुरा न लगे ।

दिल ऐसा रखो कि किसी को दुःखी न करें। रिश्ता ऐसा रखो कि उसका अंत न हो

● कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नही आता.. हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है..

©1.kumar Ravi Shankar
  #ravijchs