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मौसम-ए-इश्क में, बे-सहारा कर गई वो। किसी और को दे

मौसम-ए-इश्क में,
बे-सहारा कर गई वो।
किसी और को दे इशारा,
बंजारा कर गई वो।
कहती थी जुदा न 
होगी सातों जन्म,
ब-ख़ुदा जुदा हो गई 
इसी जन्म।
चाहत के वसूल सिखा के हमें,
खुद बे-वसूल हो गई वो।
कहके हमें गवारा,
मौसम-ए-इश्क में 
बे-सहारा कर गई वो।
किसी और को दे इशारा,
बंजारा कर गई वो

©Aman Sri
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