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औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता। छुट्टी तो

औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।

छुट्टी तो आती है पर कोई आराम नहीं आता।

क्यों औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।।

देखो देखो सुबह हो गई फट फट फट   भाग रही।

कहीं किसीको देरी ना हो जाय इसलिए वो नाच रही।।

फिर भी कोई भूल हुई तो सुनती के काम नहीं आता।

क्यों औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।।

एक अकेली नार यहां न जाने क्या क्या काम करे।

मां बनकर बच्चो का ध्यान 

बहू बनकर परिवार का ध्यान

पत्नी बनकर पति का ध्यान

भाभी बनकर रिश्तों का ध्यान

सुना है हर रिश्तों में एक विराम  है आता।

क्या यह सहीसुना है ? क्युकी कभी देखा ही नहीं।

क्यों औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।।

सोती है वो आखिर में पर जागती है वो सबसे पहले।

होती है वो पीड़ा में पर फिर भी देखो हस्ती है।।

उसकी ही इच्छाओ का क्यों तुम्हे ध्यान नहीं आता।

क्यों औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।।


 #NojotoQuote #AuratKaRavivar
#NoHolidayForWomen
औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।

छुट्टी तो आती है पर कोई आराम नहीं आता।

क्यों औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।।

देखो देखो सुबह हो गई फट फट फट   भाग रही।

कहीं किसीको देरी ना हो जाय इसलिए वो नाच रही।।

फिर भी कोई भूल हुई तो सुनती के काम नहीं आता।

क्यों औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।।

एक अकेली नार यहां न जाने क्या क्या काम करे।

मां बनकर बच्चो का ध्यान 

बहू बनकर परिवार का ध्यान

पत्नी बनकर पति का ध्यान

भाभी बनकर रिश्तों का ध्यान

सुना है हर रिश्तों में एक विराम  है आता।

क्या यह सहीसुना है ? क्युकी कभी देखा ही नहीं।

क्यों औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।।

सोती है वो आखिर में पर जागती है वो सबसे पहले।

होती है वो पीड़ा में पर फिर भी देखो हस्ती है।।

उसकी ही इच्छाओ का क्यों तुम्हे ध्यान नहीं आता।

क्यों औरत के हिस्से में उसका इतवार नहीं आता।।


 #NojotoQuote #AuratKaRavivar
#NoHolidayForWomen