काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता तू बड़े चाव से मन से बड़े अरमान के साथ अपनी नाज़ुक की कलाई में चढ़ाती मुझको और बेतावी से फुरसत के खजां लम्हो में तू किसी सोच में डूबी घुमाती मुझको मैं तेरे हाथ की खुश्बू से महक सा जाता तू कभी मूड में आके मुझको चूमा करती तेरे होंठों की मैं हिदत से देहक सा जाता रात को जब तू निदों के सफर में जाती मरमरी हाथ का एक तकिया बनाया करती मैं तेरे कान से लग कर कई बातें करता तेरी ज़ुल्फो को तेरे गाल को छेड़ा करता कुछ नहीं तो यही बेनाम सा बंधन होता काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता #NojotoQuote काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता तू बड़े चाव से मन से बड़े अरमान के साथ अपनी नाज़ुक की कलाई में चढ़ाती मुझको और बेतावी से फुरसत के खजां लम्हो में तू किसी सोच में डूबी घुमाती मुझको मैं तेरे हाथ की खुश्बू से महक सा जाता तू कभी मूड में आके मुझको चूमा करती तेरे होंठों की मैं हिदत से देहक सा जाता