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काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता  तू बड़े चाव

काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता 
तू बड़े चाव से मन से बड़े अरमान के साथ
अपनी नाज़ुक की कलाई में चढ़ाती मुझको 
और बेतावी से फुरसत के खजां लम्हो में
तू किसी सोच में डूबी घुमाती मुझको 
मैं तेरे हाथ की खुश्बू से महक सा जाता
तू कभी मूड में आके मुझको चूमा करती 
तेरे होंठों की मैं हिदत से देहक सा जाता
रात को जब तू निदों के सफर में जाती 
मरमरी हाथ का एक तकिया बनाया करती
मैं तेरे कान से लग कर कई बातें करता 
तेरी ज़ुल्फो को तेरे गाल को छेड़ा करता
कुछ नहीं तो यही बेनाम सा बंधन होता 
काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता
 #NojotoQuote काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता 
तू बड़े चाव से मन से बड़े अरमान के साथ
अपनी नाज़ुक की कलाई में चढ़ाती मुझको 
और बेतावी से फुरसत के खजां लम्हो में
तू किसी सोच में डूबी घुमाती मुझको 
मैं तेरे हाथ की खुश्बू से महक सा जाता
तू कभी मूड में आके मुझको चूमा करती 
तेरे होंठों की मैं हिदत से देहक सा जाता
काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता 
तू बड़े चाव से मन से बड़े अरमान के साथ
अपनी नाज़ुक की कलाई में चढ़ाती मुझको 
और बेतावी से फुरसत के खजां लम्हो में
तू किसी सोच में डूबी घुमाती मुझको 
मैं तेरे हाथ की खुश्बू से महक सा जाता
तू कभी मूड में आके मुझको चूमा करती 
तेरे होंठों की मैं हिदत से देहक सा जाता
रात को जब तू निदों के सफर में जाती 
मरमरी हाथ का एक तकिया बनाया करती
मैं तेरे कान से लग कर कई बातें करता 
तेरी ज़ुल्फो को तेरे गाल को छेड़ा करता
कुछ नहीं तो यही बेनाम सा बंधन होता 
काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता
 #NojotoQuote काश के मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होता 
तू बड़े चाव से मन से बड़े अरमान के साथ
अपनी नाज़ुक की कलाई में चढ़ाती मुझको 
और बेतावी से फुरसत के खजां लम्हो में
तू किसी सोच में डूबी घुमाती मुझको 
मैं तेरे हाथ की खुश्बू से महक सा जाता
तू कभी मूड में आके मुझको चूमा करती 
तेरे होंठों की मैं हिदत से देहक सा जाता