( Part-1 ) कुछ मैं कुछ तुम, एक साए जैसे थे जैसे एक आईने में, दोनों समाए बैठे थे तुम्हारे दिल की तार, मुझसे कुछ कहती थी क्योंकि हम दोनों की, कुछ ऐसी बनती थी दोनों का प्यार, थोड़ा अनोखा था कुछ पल तुमने सोचा, तो कुछ पल मैंने सोचा था वो दिन बहुत अच्छे थे, क्योंकि हम सच्चे थे हंसते-खेलते बीते दिन चार वक्त और हालात से होने लगे अनजान देखा नहीं किसी ने,आईने में आने लगी दरार जिन्दगी की डोर में, आई ऐसी कसक टूट गए वादे, टूट गए कसम।। to be continued..... @mukesh_inscribe# #Anokha Rishta