सौ लोग मिलेंगे जो तुम पर हंसेंगे, तुम्हारी हर चाल पर वो तंज कसेंगे, जीना है अगर हंसते हुए तो होंठो की म्यान से मुस्कुराहट की तलवार निकाल लो, मेरी बात मानो दोस्त अकेले चलने की आदत डाल लो। बन्द आंख किए आगे तुम बढ़ो, ज़िन्दगी की मुश्किलों से अकेले ही लड़ो, ना लेना साथ किसी का यहां, मंजिल हो जहां बस रुकना वहां, अपने इरादों के पांव से उम्मीदों को ज़ंजीरें निकाल दो, मेरी बात मानो दोस्त अकेले चलने की आदत डाल लो।। हर मोड़ यहां एक जाल सा है, इस राह का हर मुसाफिर बदनसीब - बेहाल सा है, तुम भावनाओं के भंवर से बाहर आओ, जिस ओर है मंजिल उस ओर जाओ, थोड़ी तो मुश्किलें आएंगी ही..... जब बरसे तीर कटाक्षों का तब मा को याद करो और ममता कि ढाल लो, मेरी बात मान लो मेरे दोस्त अकेले चलने की आदत डाल लो🙏🏻 ©Vishal kumar #एकला #alone