देदी हमें आज़ादी खेल कर अपनी जान पर ख़ुद हारे, हारा परिवार इस देश की शान पर कट गए अनगिनत सर हिन्द की आन पर देदी हमें आज़ादी खेल कर अपनी जान पर आंखो में आजाद धरा का स्वप्न हमें दिखाया सर उठाकर जीना उन्होंने ही सिखाया देश के दुश्मनों को तिनके समान हराया ज़ुल्म की आंधी से टकराकर इस देश को आज़ाद बनाया जश्न - ए - दिन आज का, तब जाकर आया ©Neha Bhargava (karishma) #RepublicDay