जब एक बहन इच्छित वर का वरण कर ससुराल जाती है तब भाई की आँखें एक दफ़ा छलकती ज़रूर हैं पर दिल से निकलती है दुआ उसकी बेहतर ज़िन्दगी के लिए ठीक उसी वक़्त थिरक उठती है प्यारी सी मुस्कान उसके चेहरे पर ख़ासकर तब जब वो उसका हमउम्र हो जो कर सकता है कल्पना उसकी आने वाली बेहतर ज़िन्दगी की पर पिता? उस पर क्या गुज़रती होगी? ये एहसास शायद उम्र के उस पड़ाव पर पहुँचकर ही मालूम हो! #मुबारक_आपको #muchlove