क्यों किसी की बेटी के साथ ये अतियाचार हुआ, क्यों किसी बाप के दिल पर इतना बड़ा वार हुआ। रेप कर के भी गुमते है ज़ालिम बहार खूले आम, एक भाई और बाप इतना क्यों शर्मशार हुआ। हां छोटे कपड़ों को देदो तुम दोष मगर, क्यों तीन साल की बच्ची के साथ ये वाकिया बार बार हुआ। छीन ली ज़िंदगी तुम ने खिलती हुई कलि की, इस हवस से भरी दुनिया में हर सखस लाएतबर हुआ। रूह तड़प जाती है बच्चियों पर अतियचर देख कर, नईम हुकूमत को फिर भी ये सब कुछ क्यों गवार हुआ ©نعیم رضا اشرفی #रेप #रेपिस्ट #हुकुमत #Stoprape