23 साल का युवक फांसी पर चढ़ा रहा था 62 साल का बुड्ढा तमाशा देख रहा था ! वह युवा आज भी क्रांतिकारी कहलाता है और वह बुड्ढा राष्ट्पिता कहलाता है ! वैसे भी राष्ट्र के पिता नहीं होते सपूत होते हैं अच्छा हुआ भगत सिंह तेरा चेहरा नहीं है नोटों पर ! वरना कुचला जाता तू भी मुन्नी और शीला के कोठों पर तू था और रहेगा वीरों के दिलों में रहने दे गांधी को नोटों पर ! तू शहीद हुआ जाने कैसे तेरी मां सोई होगी एक बात तो तय है तुझे गले लगयाकर रस्सी भी रोई होगी ! चैतन्य